नमस्कार, इस पोस्ट में हम कारक किसे कहते हैं (Karak Kise Kahate Hain) और कारक के भेद (Karak Ke Bhed) कितने हैं के बारे में विस्तार से बात करेंगे।
कारक (Karak) को अच्छे से समझने के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़े।
- कारक किसे कहते हैं? – Karak Kise Kahate Hain?
- कारक के भेद – karak ke bhed
- कारक चिन्ह – Karak Chinh
- परसर्ग किसे कहते हैं – Parsarg Kise Kahate Hain
- कारक के भेद – Karak ke Bhed
- कर्म कारक और सम्प्रदान कारक में अंतर – karm karak aur sampradan karak mein antar
- करण कारक और अपादान कारक में अन्तर
- कारक से संबंधित प्रश्न और उत्तर (FAQ)
कारक किसे कहते हैं? – Karak Kise Kahate Hain?
Karak Ki Paribhasha : वाक्य में जिस शब्द का सम्बन्ध क्रिया से होता हैं उसे कारक (Karak) कहते हैं। वाक्य में वो शब्द जिसका सीधा सम्बन्ध क्रिया से हो उसे कारक कहतें हैं। कारक को परसर्ग (बाद में जुड़ने वाला) भी कहते हैं। यह संज्ञा या सर्वनाम के साथ प्रयुक्त होते हैं।
कारक के भेद – karak ke bhed
हिंदी भाषा में आठ कारक हैं जोकि नीचे दिए गए हैं।
- कर्ता कारक – Karta Karak
- कर्म कारक – Karm Karak
- करण कारक – Karan Karak
- सम्प्रदान कारक – Sampradan Karak
- अपादान कारक – Apadan Karak
- संबंध कारक – Sambandh Karak
- अधिकरण कारक – Adhikaran Karak
- सम्बोधन कारक – Sambodhan Karak
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कारक चिन्ह – Karak Chinh
वो शब्द चिन्ह जो संज्ञा या सर्वनाम के साथ क्रिया का सम्बन्ध दर्शाते हैं उन्हें कारक चिन्ह (Karak Chinh) कहते हैं। कारक के एक या एक से अधिक चिन्ह होते हैं।
कारक | कारक चिन्ह | अर्थ |
कर्ता कारक | ने | काम करने वाला |
कर्म कारक | को | जिस पर काम का प्रभाव पड़े |
करण कारक | से, के द्वारा | जिसके द्वारा कर्ता काम करे |
सम्प्रदान कारक | को, के लिए | जिसके लिया क्रिया की जाए |
अपादान कारक | से (अलग होना) | जिससे अलग हो |
संबंध कारक | का, के, की, रा, रे, री, ना, ने, नी | अन्य पदों से सम्बन्ध |
अधिकरण कारक | में, पर | क्रिया का आधार |
सम्बोधन कारक | हे, ओ, अरे | पुकारना, बुलाना |
परसर्ग किसे कहते हैं – Parsarg Kise Kahate Hain
परसर्ग वो शब्द होते हैं जो किसी संज्ञा या सर्वनाम के बाद आते हैं। परसर्ग को कारक विभक्ति या कारक चिन्ह भी कहा जाता हैं।
Karak Table
विभक्ति | कारक | कारक चिन्ह |
प्रथम | कर्ता कारक | ने |
द्वितीय | कर्म कारक | को |
तृतीय | करण कारक | से, के द्वारा |
चतुर्थी | सम्प्रदान कारक | को, के लिए |
पंचमी | अपादान कारक | से (अलग होना) |
षष्ठी | संबंध कारक | का, के, की, रा, रे, री, ना, ने, नी |
सप्तमी | अधिकरण कारक | में, पर |
अष्टमी | सम्बोधन कारक | हे, ओ, अरे |
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कारक के भेद – Karak ke Bhed
कारक के भेद उदाहरण सहित :
कर्ता कारक किसे कहते हैं ?
Karta Karak : वाक्य का वो शब्द जिसके द्वारा कार्य करने वाले का पता चले उसे कर्ता कारक कहते हैं।
उदाहरण : सुरेश ने रमेश को मारा।
इस वाक्य में सुरेश करता हैं क्योकि सुरेश के द्वारा मारने क्रिया की गयी हैं और इसमें ‘ने’ कारक चिन्ह लगाया गया हैं, इसलिए यह करता कारक हैं।
कर्ता कारक के उदाहरण :
- सुरेश ने किताब को ऊपर रखा।
- मीना ने एक गिलास पानी पिया।
- रवि ने पेड़ से आम तोड़े।
- मुकेश ने श्याम को पैसे दिये।
कर्म कारक किसे कहते हैं ?
Karm Karak : वाक्य में किये गए काम का प्रभाव जिस पर पड़े उसे कर्म कारक कहते हैं।
उदाहरण : सुरेश ने रमेश को मारा।
इस वाक्य में सुरेश कर्ता हैं और सुरेश के द्वारा जो कार्य किया गया हैं उसका प्रभाव रमेश पर पड़ रहा हैं इसलिए रमेश कर्म हैं और इसमें कारक चिन्ह ‘को’ का प्रयोग किया गया हैं।
कर्म कारक के उदाहरण
- रमेश ने सुरेश को बुलाया।
- सीता में मीरा को हिंदी पढाई।
- विनय ने रिता को सम्मान देते हुए कहा।
- मोहन ने राजू को खिलौना दिया।
- रविंद्र के श्याम को आम दिये।
करण कारक किसे कहते हैं ?
Karan Karak : वाक्य में कर्ता जिस के द्वारा कार्य करता हैं उसे करण कारक कहते हैं।
उदाहरण : शिकारी ने हिरन को बन्दूक से मारा।
इस वाक्य में कर्ता शिकारी ने बन्दूक के द्वारा कार्य किया हैं इसलिए बन्दुक करण कारक हैं और इसके साथ ‘से’ करण कारक चिन्ह का प्रयोग किया गया हैं।
करण कारक के उदाहरण
- नरेश ने अपने बेटे को डंडे से मारा।
- रीना ने सीमा को एटीएम से पैसे दिये।
- सुरज ने रोहित को बाइक से घर छोड़ा।
- वरुण ने अपनी माँ को रेस्टोरेंट से खाना मंगवाया।
- आयुष ने अपने दोस्त को गिफ्ट से खुश किया।
सम्प्रदान कारक किसे कहते हैं।
Sampradan Karak : सम्प्रदान का शाब्दिक अर्थ देना होता है इसलिए वाक्य में अगर करता किसी को कुछ देता हैं तो उसे सम्प्रदान कारक कहते हैं।
उदाहरण : पिता ने बच्चे को खिलौना दिया।
इस वाक्य में पिता ने बच्चे को खिलौना दिया इसलिए यह सम्प्रदान कारक हैं और इसमें ‘को‘ कारक चिन्ह का प्रयोग किया गया हैं।
सम्प्रदान कारक के उदाहरण
- गुरु ने छात्र को कलम दी।
- भाई ने बहन को सलाह दी।
- बच्चे ने अपने दोस्त को चुपके से पैसे दिए।
अपादान कारक किसे कहते हैं ?
Apadan Karak : अपादान का अर्थ हैं अलगाव या अलग होना। जिन शब्दों से किसी स्थान, व्यक्ति या वस्तु से दूर होने, निकलने, रक्षा करने, तुलना करने, विद्या सिखने का पता चले उसे अपादान कारक कहते हैं।
उदाहरण : गिलास से पानी गिर गया।
इस वाक्य में पानी गिलास से गिर गया हैं यानि पानी गिलास से अलग हो गया हैं इसलिए ये अपादान कारक हैं। अपादान कारक को कारक चिन्ह ‘से‘ दर्शाया जाता हैं।
अपादान कारक के उदाहरण
- उसने अपने सपनों को मेहनत से पूरा किया।
- पुस्तक से ज्ञान प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।
- उसके समझने के तरीके से ही उसका अलग पहचान है।
- साहस से उसने अपने डर को पार किया।
सम्बन्ध कारक किसे कहते हैं ?
Sambandh Karak : जिन शब्दों से किसी और शब्दों से सम्बन्ध या लगाव का पता चले उसे सम्बन्ध कारक कहते हैं।
उदाहरण : सोहन, मनोज का भाई हैं।
इस वाक्य में सोहन, मनोज का भाई हैं दोनों के बीच में सम्बन्ध को दर्शाता हैं। इस वाक्य ने ‘का‘ कारक चिन्ह प्रयोग किया गया हैं।
सम्बन्ध कारक के उदाहरण
- यह पुस्तक रमेश की हैं।
- कल मैं सुरेश के भाई से मिला।
- सुरेश की पेन्सिल मेने छुपा ली।
- मीना का खाना दिनेश ने खा लिया।
अधिकरण कारक किसे कहते हैं।
Adhikaran Karak: ऐसे शब्द जिस से क्रिया के समय, आधार या स्थान का बोध होता हैं उन्हें अधिकरण कारक कहते हैं।
उदाहरण : मैंने कपड़े छत पर सुखा दिए हैं।
इस वाक्य में कपड़े सुखाने के स्थान का पता चल रहा हैं, इसलिए यह अधिकरण कारक हैं और इसमें ‘पर‘ कारक चिन्ह प्रयोग किया गया हैं।
अधिकरण कारक के उदाहरण
- पहाड़ो पर बर्फ पड़ चुकी हैं।
- रोहन तीन दिन में आएगा।
- पिताजी ने सारा सामान जमीन पर रख दिया।
- कुमार यह काम दो घंटो में कर देगा।
- मैने चिड़िया के लिए पानी पेड़ पर रख दिया।
सम्बोधन कारक किसे कहते हैं ?
Sambodhan Karak : जिन शब्दों से किसी को पुकारने, सम्बोधित करने या चेतावनी देने का पता चले उसे सम्बोधन कारक कहते हैं।
उदाहरण : हे राम ! यह कैसा कलयुग आ गया है।
इस वाक्य में भगवान राम को याद करने या पुकारने का बोध हो रहा हैं इसलिए यह सम्बोधन कारक हैं। इस वाक्य में ‘हे’ कारक चिन्ह का प्रयोग किया गया हैं।
सम्बोधन कारक के उदाहरण
- अजी, सुनते हो खाना बन चूका हैं।
- हे श्याम ! मेरी नईया पार लगा दो।
- अरे, तुम्हे कुछ समझ आ रहा हैं या नहीं।
कर्म कारक और सम्प्रदान कारक में अंतर – karm karak aur sampradan karak mein antar
- कर्म कारक और सम्प्रदान कारक दोनों में ‘को’ कारक चिन्ह प्रयोग होता हैं। लेकिन फिर भी दोनों में काफी अंतर हैं।
- कर्म कारक में कर्ता शब्द जो भी क्रिया करता है उसका प्रभाव कर्म कारक शब्द पर पड़ता हैं।
- सम्प्रदान कारक में कर्ता शब्द के किसी को कुछ देने का बोध होता।
कर्म कारक | सम्प्रदान कारक |
कारक चिन्ह “को” | कारक चिन्ह ‘को’ , ‘के लिए’ |
जिस पर काम का प्रभाव पड़े | किसी को कुछ देने का बोध होता हैं |
पिता ने पुत्र को बुलाया | अध्यापक के छात्र को पेंसिंल दी |
करण कारक और अपादान कारक में अन्तर
- करण कारक और अपादान कारक दोनों में ‘से’ कारक चिन्ह का प्रयोग होता हैं लेकिन फिर भी दोनों में भिन्नता हैं।
- जिसके द्वारा कर्ता कार्य करता है उसे करण कारक कहते हैं।
- अपादान कारक में स्थान या व्यक्ति से अलग होने होने का बोध होता हैं
करण कारक | अपादान कारक |
कारक चिन्ह ‘से’ | कारक चिन्ह ‘से’ |
जिसके द्वारा कर्ता काम करे | अलग होने का बोध |
रोहन ने डण्डे से सोहन की पिटाई की | मोहन गांव से शहर चला गया |
कारक से संबंधित प्रश्न और उत्तर (FAQ)
कारकों की संख्या कितनी है?
हिंदी व्याकरण में कारकों की संख्या आठ हैं।
गरीबों को खाना दो में कौन सा कारक है?
गरीबो को खाना दो। में सम्प्रदान कारक हैं क्योकि इसमें कुछ देने के भाव का पता चलता हैं।
पेड़ से पत्ते गिर रहे हैं कौन सा कारक है?
पेड़ से पत्ते गिर रहे हैं में अपादान कारक हैं, क्योकि इसमें अलग होने का भाव हैं और इसमें कारक चिन्ह से प्रयोग किया गया हैं।