नमस्कार, इस पोस्ट में हम भाववाचक संज्ञा के उदाहरण (Bhav Vachak Sangya ke Udaharan) और भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं (Bhav Vachak Sangya Kise Kahate Hain) के बारे में बात करेंगे। आपसे अनुरोध है की भाववाचक संज्ञा को अच्छे से समझने के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़ें।
- भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं? (Bhav Vachak Sangya Kise Kahate Hain)
- भाववाचक संज्ञा के प्रकार (Bhav Vachak Sangya ke Prakar)
- जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना (Jativachak Sangya se Bhav Vachak Sangya बनाना)
- व्यक्तिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना (Vyakti Vachak Sangya se Bhav vachak Sangya Banana)
- विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना (Visheshan Se Bhav vachak Sangya Banana)
- सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना (Sarvanam Se Bhav Vachak Sangya Banana)
- क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाना (Kriya Se Bhav Vachak Sangya Banana)
- भाववाचक संज्ञा से संबंधित प्रश्न और उत्तर (FAQ)
भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं? (Bhav Vachak Sangya Kise Kahate Hain)
जो संज्ञा शब्द किसी वस्तु या व्यक्ति के गुण, भाव, अवस्था या दशा को दर्शाते हैं उन्हें हम भाववाचक संज्ञा(Abstract Noun) कहते हैं जैसे : क्रोध, पीड़ा, बचपन इत्यादि।
भाववाचक संज्ञा को हम इस तरह भी समझ सकते हैं कि भववाचक संज्ञा वो शब्द होते हैं जिन्हे हम महसूस कर सकते हैं लेकिन छू नहीं सकते। उदाहरण के लिए जैसे ख़ुशी, बुढ़ापा, मित्रता इत्यादि
भाववाचक संज्ञा के 10 उदाहरण (Bhav Vachak Sangya ke 10 Udaharan)
- हमें सभी से मित्रता का भाव रखना चाहिए।
- कोयल की आवाज़ बहुत मीठी होती है।
- निखिल सरलता से अपना जीवन व्यतित कर रहा है।
- राम उत्तीर्ण होने की ख़ुशी से झूम उठा।
- रमेश का बचपन कठिनायों में ही गुज़रा हैं।
- उन्नति हमारे देश को प्रगतिशील राष्ट्र की ओर ले जाती है।
- शत्रुता विनाशकारी होतीं हैं।
- माता पिता को बच्चों पर क्रोध नहीं करना चाहिए।
- आलस मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु हैं।
- आवश्यकता आविष्कार की जननी है।
भाववाचक संज्ञा के प्रकार (Bhav Vachak Sangya ke Prakar)
जो भी शब्द भाव विशेष होते हैं या जिन शब्दों से हमें किसी न किसी भाव का बोध होता हैं उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
भाव वाचक संज्ञा के दो प्रकार होते हैं।
- स्वतंत्र भाववाचक संज्ञा
- परतंत्र भाववाचक संज्ञा
स्वतंत्र भाववाचक संज्ञा
स्वतंत्र भाववाचक संज्ञा : जिन भाववाचक संज्ञा शब्द को वाक्य में स्वतंत्र रूप से प्रयोग किया जाता हो उन्हें स्वतंत्र भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे सुख, दुःख, लोभ और ईर्ष्या इत्यादि।
परतंत्र भाववाचक संज्ञा
परतंत्र भाववाचक संज्ञा : जिन भाववाचक संज्ञा शब्द का निर्माण क्रिया, सर्वनाम, विशेषण, जातिवाचक संज्ञा या व्यक्तिवाचक संज्ञा में प्रत्यय जोड़ कर किया जाये उन्हें परतंत्र भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे आव, अन, ई, पन, त्व, और ता इत्यादि
उदहारण मनुष्य+ता = मनुष्यता, राम+त्व, सुन्दर+ता = सुन्दरता
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जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना (Jativachak Sangya se Bhav Vachak Sangya बनाना)
जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा प्रत्यय जोड़ कर बनाई जा सकती हैं निचे कुछ उदाहरण दिए गये हैं।
जातिवाचक संज्ञा + प्रत्यय = भाववाचक संज्ञा
- नारी + त्व = नारीत्व
- पुरुष + त्व = पुरषत्व
- मनुष्य + ता = मनुष्यता
- मित्र + ता = मित्रता
- बूढ़ा + पा = बुढ़ापा
- चोर + ई = चोरी
- ठग + ई = ठगी
- शत्रु + ता = शत्रुता
व्यक्तिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना (Vyakti Vachak Sangya se Bhav vachak Sangya Banana)
व्यक्तिवाचक संज्ञा में प्रत्यय जोड़ कर भाववाचक संज्ञा बना सकते हैं। निचे कुछ उदाहरण दिए गये हैं।
व्यक्तिवाचक संज्ञा + प्रत्यय = भाववाचक संज्ञा
- शिव + त्व = शिवत्व
- गुरु + त्व = गुरुत्व
- राम + त्व =रामत्व
- रावण + त्व = रावणत्व
विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना (Visheshan Se Bhav vachak Sangya Banana)
विशेषण में प्रत्यय जोड़ कर हम भाववाचक संज्ञा बना सकते हैं। निचे कुछ उदाहरण दिए गये हैं।
विशेषण + प्रत्यय= भाववाचक संज्ञा
- ऊँचा + ई = ऊँचाई
- नम्र + ता = नम्रता
- सरल + ता = सरलता
- गर्म + ई = गर्मी
- वीर + ता = वीरता
- दुष्ट + ता = दुष्टता
- बड़ा + ई = बड़ाई
- काला + पन = कालापन
सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना (Sarvanam Se Bhav Vachak Sangya Banana)
सर्वनाम में प्रत्यय जोड़ कर भाववाचक संज्ञा बनाई जा सकती हैं। निचे कुछ उदाहरण दिए गये हैं।
सर्वनाम + प्रत्यय = भाववाचक संज्ञा
- मम + ता = ममता
- सर्व + स्व = सर्वस्व
- निज + त्व =निजत्व
- अपना + पन = अपनापन
- अपना + त्व = अपनत्व
- एक + ता = एकता
क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाना (Kriya Se Bhav Vachak Sangya Banana)
क्रिया में में प्रत्यय जोड़ कर भाववाचक संज्ञा बनाई जा सकती हैं। क्रिया शब्द से भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए जिन शब्दों के अंत में “ना” आता हैं उनमें हम ना हटाकर प्रत्यय जोड़ देते हैं और कुछ शब्दों में “ना” हटाने से ही वो शब्द भाववाचक बन जाता हैं। निचे कुछ उदाहरण दिए गये हैं।
क्रिया + प्रत्यय = भाववाचक संज्ञा
- पढ़ना + ई = पढाई
- चढ़ना + ई = चढाई
- लिखना + आवट = लिखावट
- थकना + आवट = लिखावट
- खेल(ना) = खेल
- डर(ना)=डर
- खोज(ना)= खोज
भाववाचक संज्ञा से संबंधित प्रश्न और उत्तर (FAQ)
भाववाचक संज्ञा कैसे लिखें?
भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए जातिवाचक संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, विशेषण, सर्वनाम और क्रिया में प्रत्यय जोड़ा जाता हैं जैसे : मित्र +ता = मित्रता , सरल + ता सरलता, ऊँचा +ई = ऊँचाई।
भाववाचक शब्द कौन कौन से हैं?
भाववाचक शब्द : वीरता, मिठास, वीरता, बुढ़ापा, बचपन, सरलता इत्यादि।
मिठाई में कौन सी संज्ञा है?
मिठाई जातिवाचक संज्ञा हैं।
सुंदर का भाववाचक क्या होता है?
सुंदर का भाववाचक सुंदरता होता हैं।