नमस्कार, आज के इस पोस्ट में हम जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण (jativachak sangya ke udaharan) और जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं (jativachak sangya kise kahate hain) के बारे में विस्तार से बात करेंगे।
जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं?(jativachak sangya kise kahate hain?)
जिस संज्ञा शब्द से किसी भी व्यक्ति, वस्तु, जीव, या स्थान की समस्त जाति या वर्ग का पता चलता हैं उसे जातिवाचक संज्ञा (Jativachak Sangya) कहते हैं।
जैसे पर्वत शब्द से सभी पर्वतो का पता चलता हैं और पेड़ शब्द से सभी पेड़ों का पता चलता हैं।
गंगा, यमुना, सतलुज, रावी, व्यास आदि शब्दों से विशेष नदियों का पता चलता हैं अगर हम इन शब्दों की जगह नदी शब्द का प्रयोग करते तो इससे सभी नदियों का बोध होता है इसलिए नदी जातिवाचक संज्ञा (Jativachak Sangya) हैं।
Jati Vachak Sangya :
- वस्तु – पुस्तक, मकान, मेज़, कुल्हाड़ी।
- स्थान – शहर, कक्षा, जिला, गांव।
- जीव – घोड़ा, हाथी, बैल, बकरी।
- व्यक्ति – लड़का, आदमी, पुरुष, मित्र।
जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण (jati vachak sangya ke udaharan)
निचे जातिवाचक संज्ञा के कुछ उदाहरण (Jati vachak Sangya Examples) दिये गए हैं जिनसे आपको जातिवाचक संज्ञा को समझने में सहायता मिलेंगी।
अगर हम किसी वाक्य में किसान शब्द का प्रयोग करें तो यह जातिवाचक संज्ञा हैं पर अगर किसान की जगह उसका नाम “सुरेश” लिखा जाये तो उसे हम व्यक्तिवाचक संज्ञा कहेंगे।
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अगर हम शहर शब्द कही लिखते हैं तो वह जातिवाचक संज्ञा होगी लेकिन अगर उसकी जगह शहर का नाम “दिल्ली” लिखा जाये तो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहेंगे।
अगर किसी जगह हम मंत्री शब्द का प्रयोग करें तो वह जातिवाचक संज्ञा होगी जैसे :
आज मंत्री गण सभा को सम्बोधित करेंगे।
इस वाक्य में मंत्री जातिवाचक हैं लेकिन अगर इस वाक्य को ऐसे लिखा जाये :
आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सभा को सम्बोधित करेंगे।
तो इसे हम व्यक्तिवाचक संज्ञा कहेंगे।
किसी वाक्य में अगर फूल शब्द का प्रयोग किया जाये तो वह जातिवाचक संज्ञा होगी जैसे :
सोहन को फूल बहुत पसंद हैं।
अगर फूल की जगह गुलाब लिखा जाये तो यह व्यक्तिवाचक संज्ञा बन जाएगी।
सोहन को गुलाब बहुत पसंद हैं।
किसी वाक्य में अगर हम पुस्तक शब्द का प्रयोग करें तो वह जातिवाचक संज्ञा होगा जैसे :
मुझे पुस्तक पढ़ना बहुत पसंद हैं।
अगर पुस्तक की जगह किसी पुस्तक का नाम लिखा हो तो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहेंगे जैसे:
मुझे रिच डैड पुअर डैड पुस्तक बहुत पसंद हैं।
जातिवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण (jativachak sangya ke 10 udaharan)
- घोड़ा घास से दोस्ती करेगा तो खायेगा क्या।
- डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं।
- हर व्यक्ति के पास अपना एक घर तो होना ही चाहिए।
- आज-कल शहर तो बीमारियों का घर हैं।
- बच्चे देश का भविष्य हैं।
- मधुमखी फूलों के रस शहद बनाती हैं।
- सड़को ने गांव से शहर की दूरी कम कर दी हैं।
- बच्चों के लिए खेल व्यायाम का सबसे अच्छा साधन हैं।
- मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी हैं।
- गुरु के बिना ज्ञान नहीं मिलता।
जातिवाचक संज्ञा से संबंधित प्रश्न और उत्तर (FAQ)
जातिवाचक संज्ञा क्या होती हैं ?
जिन शब्दों से वस्तु, व्यक्ति, स्थान आदि की सम्पूर्ण जाति या वर्ग का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे : किला (स्थान), पुस्तक (व्यक्ति), पहाड़ (स्थान)
जातिवाचक संज्ञा के कितने भेद होते हैं?
जातिवाचक संज्ञा के दो भेद हैं 1. द्रव्यवाचक संज्ञा 2.समूहवाचक संज्ञा।